समझ के सूरज को फल जिसने पल में ग्रास बनाया,
दर विकराल रूप इक पल में खाख में लंका को मिलाया,
मात अंजना का जो लाडला पूत पवन कहलाया,
जिस की ताकत की नहीं उपमा पर्वत जिस ने उठाया,
लाये सजीवन लक्ष्मण जी को जिस ने जीवन नया दिलाया,
समझ के सूरज को फल जिसने पल में ग्रास बनाया,
मन का मनका माला करदी हरी दर्श नहीं पाया.
मात सिया की शंका मिटा दी चीर के सीना दिखया,
राम भक्त न होगा तुम सा ऐसा वर तुम ने है पाया,हनुमत पाया,
समझ के सूरज को फल जिसने पल में ग्रास बनाया,
जो भी माँगा था माँ से वो सब दे दिया,
शुकरियाँ शुकरियाँ माँ तेरा शुकरियाँ,
मेरे दामन में दुनिया का हर सुख दिया,
शुकरियाँ शुकरियाँ माँ तेरा शुकरियाँ,
जबसे पूजा तुझे ज़िंदगी खिल गई,
आरजू सीस ज्यादा ख़ुशी मिल गई,
मुझको ममता के दीपक से रोशन किया,
शुकरियाँ शुकरियाँ माँ तेरा शुकरियाँ,
माँ के चरणों में जिसका सिर झुक गया,
वो ही जन्नत के द्वारे पे सच मुच् गया,
मैंने जीवन ये माँ को समर्पित किया,
शुकरियाँ शुकरियाँ माँ तेरा शुकरियाँ,
रिश्तो नातो ने जब भी नकारा मुझे तब माँ ने दिया सहारा मुझे,
मन के उजड़े चमन में अमन भर लिया,
शुकरियाँ शुकरियाँ माँ तेरा शुकरियाँ,
मैं नादान मैं अनजान करो कल्याण करो कल्याण,
मेरे अंग संग रह के हमेश, जै गणेश जै गणेश, जै गणेश,
लाड़ला मैया पार्वती दा, अंत नहीं तेरी शक्ति,
तू रखदा अखां तेज़, जै गणेश.........
तेरी किरपा सब ते होई, तेरे वरगा होर न कोई,
तू वसदा देश विदेश, जै गणेश.........
देवी देवते देखके दंग ने, ब्रह्मा विष्णु महेश वी संग ने,
सब खड़े ने तेरे पेश, जै गणेश.....
तेरे बिन सब काज़ अधूरे, तू प्रसन्न तां सारे पूरे,
तू कुलपति जगत नरेश, जै गणेश.......
शर्मा देव दियां सुनले अरजां, हो जान पूरियां सारियां गरजां,
जिंदगी चों मूक जे कलेश, जै गणेश....