Sudhir Kumar
एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, "आप क्या आशा करते हैं लडका होगा या लडकी" पति-"अगर हमारा लड़का होता है, तो मैं उसे गणित पढाऊगा, हम खेलने जाएंगे, मैं उसे मछली पकडना सिखाऊगा।" पत्नी - "अगर लड़की हुई तो...?" पति- "अगर हमारी लड़की होगी तो, मुझे उसे कुछ सिखाने की जरूरत ही नही होगी" "क्योंकि, उन सभी में से एक होगी जो सब कुछ मुझे दोबारा सिखाएगी, कैसे पहनना, कैसे खाना, क्या कहना या नही कहना।" "एक तरह से वो, मेरी दूसरी मां होगी। वो मुझे अपना हीरो समझेगी, चाहे मैं उसके लिए कुछ खास करू या ना करू।" "जब भी मै उसे किसी चीज़ के लिए मना करूंगा तो मुझे समझेगी। वो हमेशा अपने पति की मुझ से तुलना करेगी।" "यह मायने नही रखता कि वह कितने भी साल की हो पर वो हमेशा चाहेगी की मै उसे अपनी baby doll की तरह प्यार करूं।" "वो मेरे लिए संसार से लडेगी, जब कोई मुझे दुःख देगा वो उसे कभी माफ नहीं करेगी।" पत्नी - "कहने का मतलब है कि, आपकी बेटी जो सब करेगी वो आपका बेटा नहीं कर पाएगा।" पति- "नहीं, नहीं क्या पता मेरा बेटा भी ऐसा ही करेगा, पर वो सिखेगा।" "परंतु बेटी, इन गुणों के साथ पैदा होगी। किसी बेटी का पिता होना हर व्यक्ति के लिए गर्व की बात है।" पत्नी - "पर वो हमेशा हमारे साथ नही रहेगी...?" पति- "हां, पर हम हमेशा उसके दिल में रहेंगे।" "इससे कोई फर्क नही पडेगा चाहे वो कही भी जाए, बेटियाँ परी होती हैं" "जो सदा बिना शर्त के प्यार और देखभाल के लिए जन्म लेती है।" "बेटीयां सब के मुकद्दर में, कहाँ होती हैं जो घर भगवान को हो पसंद वहां पैदा होती हैं बेटियाँ .
Sudhir Kumar
लहरादे तोर आंचल गोरी, मया के बादर बरस जाए ।। मया भरे बरखा मा रानी , तन मन मोर भींग जाए ।। महिना बितगे तोला देखे, मन करथे के देख लेतेवं ।। देख के तोला ये मोर हीरा, मै आंखी ला सेक लेतेवं ।। सुरता आथे होंठ के लाली , झुले नजर मा कान के बाली ।। पांव के पईरी नींद जगाथे , का करवं अब तहीं बतादे ।। तोर बिना जग सुन्ना लागे , जिनगी मोर बे सेवाद हे ।। खिलखिलाके हंसना तोर , आज तक मोला याद हे ।। आजा गोरी दिल मे समाजा, ये सावन झन बित जाए ।। लहरा दे तोर अचरा गोरी , मया के बादर बरस जाए ।। **कृष्णा पारकर**
Sudhir Kumar