Sudhir Kumar
#sudhir दिल जलाने की बात करते हो मुस्कुराने की बात करते हो... खुद तो तुम ख़ैर वफा क्या करते हमको आज़माने की बात करते हो... तुम ये कहते हो कि मिलते हैं ज़माने में वफा के क़िस्से... अजी छोङो,,,, ये किस ज़माने की बात करते हो... हमको मारा है तेरे ग़म ने मौत से पहले... और सितम खुद पे गिराने की बात करते हो... जिस्म में रुह दफ्न कर के मेरी अब जनाज़े की बात करते हो...
Sudhir Kumar
#sudhir शिकायत मैं करूँ किससे मुकद्दर खुद ही धोखा है... कहीं धोखे में है नजरें कहीं नजरों में धोखा है... वो लम्हा ढूँढ़ती किस्मत हर लम्हा खुदही मौका है... कहीं मौके में है नजरें कहीं नजरों में मौका है...
Sudhir Kumar