Sudhir Kumar
#sudhir अधूरे ख़्वाबों की गठरी रखी है मेरे सिरहाने... अगर मैं ना जागुं तो अमानत अपनी ले जाना...
Sudhir Kumar
#sudhir अरमानो के फूल कभी इस दिल में भी खिले थे... न जाने कौन सा भय था जिसने हर पग को रोका... मन ही मेरा दुश्मन था पल पल जिसने टोका... अपने बोये कांटो से अपने ही पाँव छिले थे... मैं भी उड़ सकती थी मुझको भी पंख मिले थे...
Sudhir Kumar