Sudhir Kumar

अब तक की सबसे बढ़िया पति -पत्नी की नोक झोंक। 🙈🙈🙈🙈 *पति:* अजी सुनती हो ? *पत्नी;* नहीं, मैं तो जनम कि बहरी हूँ ।बोलो? *पति:* मैंने ऐसा कब कहा ? *पत्नी:* तो अब कह लो, पूरी कर लो एक साथ, कोई भी हसरत अगर अधूरी रह गयी हो। *पति:* अरी भाग्यवान!! *पत्नी:* सुनो एक बात.... आइन्दा मुझे भाग्यवान तो कहना मत , फूट गए नसीब मेरे तुमसे शादी करके और कहते हो भाग्यवान हूँ । *पति:* एक कप चाय मिलेगी? *पत्नी:* एक कप क्यों? लोटा भर मिलेगी और सुनो किसको सुना रहे हो ? मैं क्या चाय बना के नहीं देती ? *पति:* अरे यार कभी तो सीधे मुह बात... *पत्नी:* बस .... आगे मत बोलना ,नहीं आता मुझे सीधे मुँह बात करना। मेरा तो मुँह ही टेढ़ा है , यही कहना चाहते हो ना ? *पति:* हे भगवान!! *पत्नी:* हाँ ... माँग लो भगवान जी से एक कप चाय । मै चली नहाने, और सुनो मुझे शैम्पू भी करना है देर लगेगी। बच्चों को स्कूल से ले आना मेरे अकेले के नहीं हैं । *पति:* अरे ये सब क्या बोलती हो ? *पत्नी:* क्यों झूठ बोल दिया क्या ? मैं क्या दहेज़ में ले कर आयी थी इनको ? *पति:* अरे मैं कहाँ कुछ बोल रहा हूँ ? *पत्नी:* अरे मेरे भोले बाबा, तुम कहाँ बोलते हो ? मैं तो चुप थी। बोलना किसने शुरू किया ? बताओ ...? *पति:* अरे मैंने तो एक कप चाय मांगी थी। *पत्नी:* चाय मांगी थी या मुझे बहरी कहा था ? क्या मतलब था तुम्हारा ? "अजी सुनती हो ?"का क्या मतलब था बताओगे ? *पति:* अरे श्रीमती जी। कभी तो मीठे से बोल लिया करो। *पत्नी:* अच्छा...?. मीठा नहीं बोली मैं कभी ? तो ये दो दो नमूने क्या पड़ोसी के हैं ? देख लिया है बहुत मीठा बोल कर। बस अब और मीठा बोलने की हिम्मत नहीं है मेरी। *पति:* भूल रही हो मैडम । *पत्नी:* क्या भूल रही हूँ..? *पति:* अरे मुझे बात तो पूरी करने दो। मैं कह रहा था कि पति हूँ तुम्हारा। *पत्नी:* अच्छा ..... मुझे नहीं पता था। सूचना के लिए धन्यवाद। *पति:* अरे नहीं चाहिए मुझे तुम्हारी चाय। बक बक बंद करो। *पत्नी:* अरे वाह!! तुम्हें तो बोलना भी आता है ? बहुत अच्छे, चाय पी के जाओ। बाद में नहा लूँगी। *पति:* गज़ब हो तुम भी। पहले तो बिना बात लड़ती हो फिर बोलती हो चाय पी के जाओ। *पत्नी:* तो क्या करूँ ? तुम लड़ने का मौका कहाँ देते हो ? लड़ने का मन करे तो क्या पड़ोस में लड़ने जाऊँ? *नोट:-* पत्नियों के अधिकारों का हनन ना करें और उन्हें लड़ने का मौका अवश्य दें। 👍👍👍👍👍👍 🙏 स्त्री को प्रसन्न रख पाना एक मिथ्या है, जब तक सीता मैया प्रभु राम के पास थीं उन्हें सोने का हिरण चाहिए था, जब पूरी सोने की लंका चरणों में थी तो प्रभु राम चाहिए थे..!! हे नादान पुरुष, जो काम प्रभु ना कर सके, वो तू करना चाहता है...? 😜 🙏 *सभी विवाहतों को समर्पित*

Sudhir Kumar

🌺🌺 नमों नाथ जी को आदेश 🌺🌺🙏 🙏🌺ॐ सद्गुरू देवाय अघोरेश्वराय नमों नमः🌺🙏 शुक्रवार 26-07-2019 (अघोरी और अघोर पंथ भाग 109 ) इस चित्र को गलत बताने वाले हे त्रिकालदर्शी खुदा बाबा जी यह तुच्छ दास आशा करता है की मेरे लेखों के द्वारा आपको कुछ ज्ञान और सद् बुद्धि की प्राप्ति अवश्य ही हुई होगी की, जिस प्रकार से आपकी जन्मदात्री श्री माता जी आपके श्री पिता जी के बीना एक दम अधूरी हैं, ठीक उसी प्रकार से आपके श्री पिता जी भी आपकी श्री माता जी के बिना एक दम अधूरे हैं, ठीक इसी प्रकार से स्वयं देवादि देव श्री महादेव सदाशिव जी भी आदि शक्ति महामाया महादेवी श्री जगदंबा जी के बिना एक दम अधूरे हैं, ठीक इसी प्रकार से स्वयं आदि शक्ति महामाया महादेवी श्री जगदंबा जी भी देवादि देव महादेव श्री सदाशिव जी के बिना एक दम अधूरी हैं, कुल मिलाकर श्री श्री शिव शक्ति जी एक दूसरे के पूरक हैं, स्वयं देवादि देव महादेव श्री श्री सदाशिव जी का ही अंश हम सभी पुरूष हैं, श्री श्री आदि शक्ति महामाया महादेवी जगदंबा जी का ही अंश सभी स्त्रियाँ हैं, स्वयं देवादि देव महादेव श्री सदाशिव जी ही सृष्टि हैं और पुरूष हैं, स्वयं आदि शक्ति महादेवी श्री जगदंबा जी ही प्रकृति और स्त्री हैं, श्री श्री आदि देव महादेव व श्री श्री आदि शक्ति महादेवी शिव शक्ति जी के बिना इस संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, श्री श्री देवादि देव महादेव व श्री श्री आदि शक्ति महादेवी श्री श्री शिव शक्ति जी के में भेद, शंशय, पृथक और घृणा की दृष्टि से देखने वाले सभी मनुष्य, महा पातकि महा पापी हो जाते हैं ऐसे मनुष्य महा घोर पाप के भागीदार बनते हैं, अनेकों बार मृत्युलोक में जन्मकर अनेकों-अनेको कष्टों को भुगतकर महा नर्कगामी होते हैं इसमें लेशमात्र भी शंशय नहीं है, श्री श्री महादेव व महादेवी शिव शक्ति जी आपको सद् बुद्धि प्रदान करें शुभ मंगल कामनाओं के साथ नाथ जी, जय जय श्री शिव शक्ति जी जय जय श्री शिव शक्ति जी जय जय श्री शिव शक्ति जी 🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏 जिस किसी भी भक्तराज मित्र को मेरे द्वारा लिखे हुये लेखों से आपत्ति हो वह सभी भक्तराज मित्र मुझसे बिना वाद विवाद किये मुझे तुरंत अविलम्ब ब्लाॅक करके आगे चलते बनें धन्यवाद। आप सभी भक्तराज मित्रों पर व आपके परिवार पर आदि शक्ति महामाया भगवती जगत जननी श्री श्री श्मशान वासिनी महाकाली जी की दया दृष्टि सदैव बनी रहे बहुत बहुत शुभ मंगल कामनाओं के साथ (नाथ जी) 🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏

Sudhir Kumar

"दवाई"समय निकालकर पूरा पढ़े।। #सुधा अभी सब्जी खरीदकर घर की तरफ मुड़ी ही थी कि मोहन के पीछे बाइक पर किसी और को बैठा देख कर ठिठक गई एक सुंदर सी औरत चिपककर मोहन के पीछे बैठी थी और उसका एक हाथ मोहन के कंधे पर था.. सुधा के तनबदन में आग लग गई वह नागिन की तरह फुफकारी -इस उम्र में ये गुल खिला रहे हो ... रोज पैदल चलकर सब्जी खरीदने वाली सुधा ने तुरंत आटो किया और आनन फानन में घर पहुंची मोहन अबतक घर नही पहुंचा था इंतजार करते शाम के सात बजे चुके थे इस टाइम से पहले तो रोज घर आ जाया करता था सुधा गुस्से मे बाहर गैलरी में चक्कर लगाने लगी और हांफने लगी..."क्या हुआ मम्मी- बड़ी बेटी आशा ने माँ को इस तरह बैचेन देख कर पूछ लिया। उसके साथ उसकी कॉलेज की सहेली भी साथ थी इस कारण सुधा ने कहा" कुछ नही, जरा जी सा घबराया इस कारण टहल रही हूं..घुमा करो मम्मी, सुबह भी.. कितनी मोटी हो गई हो...इतना कहकर आशा अपने कमरे में चली गई। "मोटी" ....शब्द वैसे तो बच्चे बहुत बार सुधा के लिए इस्तेमाल कर लेते थे मगर आज ये शब्द भी सुधा को तीर जैसे चुभ रहे थे वह अंदर कमरे में जाकर आईने के सामने खड़ी हो गई खुद को आज बहुत गौर से देखने लगी और सोचने लगी "सचमुच वह बहुत मोटी हो गई है। कमर और पेट की चर्बी को दबा दबाकर देखने लगी। फूलते हुए गालों में भागती हुई उम्र को तलाश करने लगी उसे अहसास हुआ कि 35 की उम्र में वो 50 की नजर आने लगी है वह सोचने लगी कितनी छरहरी थी जवानी में.. मग़र गृहस्थी और बच्चों को संभालते-संभालते सारा सौंदर्य खो गया ओह..तो इसीलिए मोहन का मन भर गया तभी तो वो कलमुँही चिपक कर बैठी थी मोहन तो आज भी 40की उम्र में हैंडसम है..फांस लिया उसने मेरे भोले भाले पति को...हे भगवान अब क्या करूँ.. होती घबराहट में बीपी बढ़ने लगा तो जल्दी सी टेबलेट ली और अचानक ही कुछ कठोर निर्णय ले लिया सुधा ने और फिर उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव आ गए। मोहन 8 बजे तक घर पहुंचा सुधा ने उसे आभास भी नही होने दिया कि वह गुस्से में है अगले दिन से तो घर के सभी मेम्बर आश्चर्य में पागल ही हो गए सुधा ने एक्सरसाइज शुरू कर दी थी 7 बजे उठनेवाली सुबह चार बजे उठ कर कपालभाति, प्राणायाम, सूर्यनमस्कार और भी वे सभी योगासन और एक्सरसाइज जो रात भर नेट पर खोज की थी सभी को बारी बारी से कर रही थी। घण्टे भर की हाड़तोड़ मेहनत के बाद वह पलंग पर आकर पसर गई... हाथ पैर सहित पूरा शरीर दुखने लगा था कुछ देर मे बुखार ने ऐसा जोर पकडा की शरीर भी सूजने लगा हालत गंभीर होते देख बडी बेटी आशा ने पिता मोहन को फोन किया और सुधा को लेकर परिवार वाले अस्पताल भागे ...हालत खराब देखकर डाक्टरो ने तुरंत सुधा को एडमिट कर दिया घर के बडे बच्चे सभी सुधा को डांट रहे थे की आखिर अचानक उसे इतनी एकसासाइज कयो करनी थी अब भीगी आँखें लिए सुधा कहे भी तो कया किसी से की उसका मोटापा ..उसका वर्षों का प्यार उसकी खुशियां उसका पति मोहन उससे छीन रहा था सभी घर वाले सुधा को डांट रहे थे कि क्या जरूरत थी एक साथ इतना सब करने की। बेचारी सुधा अब कहे भी तो क्या कहे.... कैसे कहे कि मोहन बदल गया उसका प्यार ...उसकी खुशी उसका संसार उसका पति अब किसी जवान स्लिम सी लडकी के साथ अफेयर ..कैसे बताए की इस घर मे उसकी सौतन आने वाली है उसी से इस घर को बचाने के लिए वो खुद को स्लिम कर रही थी ताकि उसका पति परमेश्वर मोहन उस चूडैल तो कया किसी और की तरफ ना ताके... इधर मोहन भी office से छुट्टी लेकर अस्पताल आ गया था लेकिन उसने सुधा को जरा भी नही डांटा सब घर के लोग धीरे धीरे वापस चले गए बस मोहनऔर सुधा ही बचे थे अस्पताल मे तब मोहर ने पूछा " परेशान दिख रही हो...कल रात से ही...क्या बात है...सुधा ने कोई जवाब नही दिया बस मुँह फेर लिया... शरीर अब भी तवे की तरह तप रहा था सुधा का मोहन ने कोई बहस नही की। वह ठंडी पट्टी बार बार उसके माथे पर रखता रहा यह सिलसिला रात भर चला इसके चलते एक पल भी नही सोया...सुधा भी दर्द और बुखार में बेहोश सी रही पूरी रात...डॉक्टरों ने कहा कि इनका बीपी कंट्रोल नही हो रहा अगर यही हालत रही तो फेफड़ो और हार्ट को खतरा है। फिर सुबह वह सुंदर औरत भी उससे मिलने आई उसे देख कर सुधा ने मुँह फेर लिया तब मोहन ने परिचय कराया -अरे सुधा इधर देखो ये सोनिया दीदी है इनका कई बार तुम्हारे सामने जिक्र भी कर चुका हूं दो दिन पहले ही इनका ट्रांसफर मेरे ऑफिस में हुआ है कल दीदी ने ज्योइन किया .. कल ही समान भी शिफ्ट किया .. हमारे पास वाली कालोनी मे ... शाम को चाय पर बुलाया था दीदी हमें परिवार सहित मगर तुमहारी तबीयत ... सुधा तो यह सुनकर शर्म के मारे जैसे धरती में समा गई उफ्फ कितनी पागल और मूर्ख हूँ मैं.... अपने देवता जैसे पति पर शक किया। उसने नजर झुकाए हुए ही सोनिया दीदी से नमस्कार किया... फिर चमत्कार हुआ अगले दस मिनिट में उसका बीपी नॉर्मल हो गया। बुखार उतर गया। दवाई जो मिल गई थी। बस दर्द बचा था।

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