Sudhir Kumar
अपने पितरों व पूर्वजों को प्रेत योनि से बाहर निकालें अन्यथा जीवन में उत्पन्न असहनीय कष्टों से झुझते रहें । जब परिवार के किसी #पूर्वज की #मृत्यु के पश्चात यदि उसका अंतिम संस्कार विधिवत नही किया जाये या उनकी कोई इच्छा अधुरी रह जाये तो पितृ या पूर्वज #प्रेत योनि में प्रवेश कर जाते हैं जिससे उस परिवार को काफी कष्ट उठाना पडता है । यह कष्ट #पितृ_दोष के रुप मे जातक की कुंडली मे झलकता है। लक्षण :- वंश का आगे न बढ़ना, आपके या परिवार में बच्चों के विवाह न होना, परिवार में कलह क्लेश नकारत्मकता उदासीनता , वैवाहिक जीवन मे कलह, परिक्षा मे असफलता, व्यापार बाधा, षड्यंत्र, नशे की लत, नौकरी ना लगना या लग कर छुट जाना, गर्भपात या गर्भधारण की समस्या, बच्चों कि अकाल मृत्यु, मंदबुद्धि बच्चों का पैदा होना , निर्णय ना ले पाना, अत्यधिक क्रोधी होना, जीवन में प्रेम सुख आनंद का अभाव । उपरोक्त लक्षण सांसारिक व गृहस्थ जीवन जीने वालों हेतु शास्त्रोक्त लक्षण हैं । एक साधक, जो साधना के मार्ग पे आगे बढ़ गया उसके जीवन में पितृ दोष होने की वजह से उसकी #साधना #अनुष्ठान का बार बार भंग हो जाना, साधना में सिद्धि न मिलना, चेहरे पे तेज का न होना, नीच साधनाओं की तरफ आकर्षण बढ़ना । ऐसे में पितृ दोष न सिर्फ एक सुखी सांसारिक व गृहस्थ जीवन बर्बाद कर देता साथ में वो साधक की साधना में भी भयंकर रूप से बाधक है । पितृ इतना कष्ट इसलिये देते हैं कि आप उन्हें स्मरण करें और आपकी लापरवाही , मृत्योपरांत के संस्कारों को अच्छे से न करना या संस्कार करने वाले #ब्राह्मण #पुरोहित की तरफ से लापरवाही हो जाना जीससे पितृ की गति रुक जाती है और वो अपनी अतृप्त इच्छाओं की वजह से अपने परिवार से जुड़ा रहता है और प्रेत योनि में चला जाता है । और आप जब हर जगह से हर उपाय से हार जाते हैं तब अपनी जड़ों की तरफ मुड़ते हैं, इसको ऐसे समझिये की अगर स्त्री को #गर्भधारण नहीं हो रहा है तो लाखों रुपये खर्च कर देती है #हॉस्पिटल में साथ में दिशाहीन पूजा पाठ में मानसिक व #आर्थिक कष्ट झेलती है एक पुत्र की चाह में और जब #विज्ञान हार जाता है तब आपको #धर्म का स्मरण होता है । पितृ दोष से पीड़ित परिवारों व साधकों के कल्याण हेतु की वो पितृ दोष से पूर्णतः मुक्त हो सकें उसके लिये #सद्गुरु "श्री तारामणि भाई जी" के सानिध्य व मार्गदर्शन में हमारे ट्रस्ट कालभैरव ध्यान संस्थान आश्रम (पुणे) की तरफ से पितृ दोष निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है #उज्जैन (मध्यप्रदेश) में, दिनांक 22 से 24 जून - 2019 को । शिविर में, #तांत्रिक संस्कारों के माध्यम से आपके पित्रों का आह्वाहन किया जायेगा , जो ये बताएंगे कि क्या करने से वो वंश को पितृ दोष से मुक्त कर देंगे, उसके बाद उनकी शांति व पुण्य गति और परिवार में सुख समृद्धि हेतु #वैदिक संस्कार सम्पन्न #रुद्राभिषेक का आयोजन होगा । #महाकाल की नगरी उज्जैन में पितृ निवारण संग रुद्राभिषेक का अपना महात्म्य है जिसकी जितनी व्याख्या की जाय कम है । इस शिविर में स्वयं को, स्वयं के परिवार व स्नेही मित्रों को पितृ दोष से मुक्त कराने हेतु आप निम्नलिखित नॉ पे संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन अति शीघ्र करा लें । #कालभैरव ध्यान संस्थान #आश्रम (पुणे) 9919935555 (call/whatsapp) [email protected] जय श्री कालभैरव सद्गुरुवे नमः🙏🙏🌺⚡⚡🚩
Sudhir Kumar
सारे गमों को अपने भूला क्यों नही देती। गर उड़ना है खुद को उड़ा क्यों नही देती।। वक्त तो लगता है मंजिल तक पहुंचने में। राह में जो पत्थर आये हटा क्यों नही देती। सारे जमाने के गम जब तुझे सताने लगे। आंखें बंद करके मुस्कुरा क्यों नही देती।। मुन्तजिर हूँ तेरे ख्वाबों में उड़ने के लिए। तीर नजरों के दिल पे चला क्यों नही देती।। दोस्ती में इबादत-ए-इश्क नया एहसास है। मोहब्बत है तो सीधे सीधे बता क्यों नही देती।। जब भी देखती हो दूसरों को रोते हुए। दिल खोलकर उसको हँसा क्यों नही देती।। तुझे मुझसे मोहब्बत है तो इक काम करो। इस "बेवफा" को " वफ़ा" सीखा क्यों नही देती।। Sudhir Kumar
Sudhir Kumar