मन प्रमुदित, तन प्रफुल्लित,
पवन सुरभित, गीत गुंजित।।
मधुर तम मधुमास मुखरित,
हर तरफ है कुसुम विकसित।।
मान अर्पित, तान अर्पित,
सर्व मर्यादा अखंडित ।
प्रेम की यज्ञाग्नि प्रदहित,
आहुति सब कुछ समर्पित।।
#मर्यादा
#पहल sudhir Kumar
ज़िन्दगी की कहानी बनी इस तरह,
तेरा अहसास ही बंदगी बन गया।
कोई बादल दिलों में रुके किस तरह,
कैसे सावन यहां बारिश बन गया।
हम यू जलते रहे बस दीया की तरह,
ख्वाब आना तेरा रौशनी बन गया।
राह मर्यादा की है मिली इस तरह,
तुम हमारे हुए मैं तेरा बन गया।
#पहल
#मर्यादा
Sudhir Kumar Gupta
⚛️🌻.!! ॐ शं शनैश्चराय नमः !!.🌻⚛️
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दया और सत्कर्म का फल निश्चित है :- प्रिय बन्धुओं एक बार एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान बेचा करता था।
एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे बड़े जोर से भूख भी लग रही थी, उसने तय किया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा, उससे खाना मांग लेगा...
पहला दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने दरवाजा खोला, जिसे देखकर वह घबरा गया और बजाय खाने के उसने पानी का एक गिलास माँगा...
लड़की ने भांप लिया था कि वह भूखा है, इसलिए वह एक बड़ा गिलास दूध का ले आई, लड़के ने धीरे-धीरे दूध पी लिया।
"कितने पैसे दूं ?" लड़के ने पूछा।
"पैसे किस बात के ?" लड़की ने जवाव में कहा "माँ ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए।"
"तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ।" जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, उसे न केवल शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी बल्कि उसका भगवान और
आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था।
सालों बाद वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी। लोकल डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया...
विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली को मरीज देखने के लिए बुलाया गया जैसे ही उसने लड़की के कस्बे का नाम सुना, उसकी आँखों में चमक आ गयी वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया।
उसने उस लड़की को देखा, एकदम पहचान लिया और तय कर लिया कि वह उसकी जान बचाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देगा, उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी और उस लड़की कि जान बच गयी। डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस लड़की के इलाज का बिल लिया उस बिल के कोने में एक नोट लिखा और उसे उस लड़की के पास भिजवा दिया।
लड़की बिल का लिफाफा देखकर घबरा गयी उसे मालूम था कि वह बीमारी से तो वह बच गयी है लेकिन बिल की रकम जरूर उसकी जान ले लेगी फिर भी उसने धीरे से बिल खोला, रकम को देखा और फिर अचानक उसकी नजर बिल के कोने में पेन से लिखे नोट पर गयी जहाँ लिखा था, "एक गिलास दूध द्वारा इस बिल का भुगतान किया जा चुका है", नीचे उस नेक डॉक्टर होवार्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे।
खुशी और अचम्भे से उस लड़की के गालों पर आंसू टपक पड़े उसने ऊपर कि ओर दोनों हाथ उठा कर कहा, " हे भगवान आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपका प्यार इंसानों के दिलों और हाथों के द्वारा न जाने कहाँ - कहाँ फैल चुका है।"
अगर आप दूसरों पर अच्छाई करोगे तो आपके साथ भी.. श्री शनिदेव जी अच्छा ही करेंगे... तभी तो हम उन्हें न्यायधीश कहते हैं ..!!
परोपकार, सुकर्म और भगवान पर भरोसे को कभी भी कम ना आंके, इन सब का फल अत्यंत मीठा होता है।
Sudhir Kumar Gupta - (कथा-वाचक),
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