Sudhir Kumar
नहीं है #शौक़_ए_तारीफ़'' मुझे सिर्फ़ जज़्बात लिखता हूं....!! जो होता है #महसूस_ए_ज़िन्दग़ी'' में वो ही तो अल्फ़ाज़ लिखता हूं....!!!! दिल से दिल की बात Radhe Radhe
Sudhir Kumar
*इलायची की महक संजोये* *अदरक के सिंगार से सजी थी * * केतली की दहलीज से निकल * *प्याली की डोली में बैठी थी * * इस भागते हुए वक्त पर* *कैसे लगाम लगायी जाये * * ऐ वक्त आ बैठ तुझे ...* * एक प्याली चाय पिलाई जाये !!!!** 💝☕Good Evening ☕💝
Sudhir Kumar