Sudhir Kumar
साहेब जी आप ने मुझसे सुरती शब्द साधना पद्धति के बारे में पूछा था मुझे तो नहीं मालूम था लेकिन कई साधकों ने अपने अपने विचार दिए है 1साधक= शब्द का अर्थ आत्मा ,सुरती का अर्थ ध्यान अर्थात जब ध्यान आत्मा में लीन हो 2 साधक=शब्द का अर्थ परमात्मा , और सुरती का अर्थ आत्मा अर्थात जब आत्मा परमात्मा में लीन हो 3साधक =जब चित्त वित्ती आत्मा में लीन हो जाती है उसी को शब्द साधना पद्धति कहते है और ओशो का कहना है कि सुरती माने सुनना यानी अनहद नाद को सुनना और निरती माने देखना साहेब बंदगी
Sudhir Kumar
ॐ श्री सद्गुरु नमः प्रातः स्मरणीय अनंत श्री विभूषित परमाराध्य संत सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की अमृतवाणी। मानस ध्यान / दॄष्टियोग मानस ध्यान किसे कहते हैं। अथवा ब्रह्मज्योति का दर्शन करने का तरीका क्या है ? अंतर में मनोमय रूप बनाकर उस पर मन को टिकाए रखने से रूप का स्मरण होता है । इसको मानस ध्यान कहते हैं। मनोमय नख पर यदि दृष्टि ठीक-ठीक बनता है तो नाक में मणियों कीज्योति प्रत्यक्ष झलकती है।
Sudhir Kumar