हम वक्त ना रोक सकते है,ना आने वाला कल देख सकते ,ना आने वाली अपनी मौत को बता सकते है ना ही देख सकते,ना बुढापे की दिशा जवानी की तरफ घुमा सकते है,केवल व केवल हम सब अपनी अपनी ढपली बजा सकते ,
।।काली काणि कुबड़ी लघु कुल जन्म लियो । पति सुमरण निसदिन करै तो जीतब सुफल भयो ।।
।।चुडो दोवड़ो सहल है सहल कहाबो नारी कठीण।चलण पतिबरत की कठिण मिलाबो सार ।।
पतिबरता पड्दै रहै पति कु आपा देह रामचरण विभचारिणी पर पुरुषा सु नेह ।।
सबका साहिब राम है जिन रच्या सकल ब्रह्मंड । रामचरण ताहि छांड कै कुण भरै जम दंड ।।
स्वामीजी महाराज फरमाते है कि स्त्री कितनी ही गुणवान रूपवान क्यो न हो यदि वो पतिव्रत नही है तो किसी काम की नही । दूसरी तरफ भले रूप सुंदरी ना हो परन्तु पतिबरता है तो पति को अपना बना लेने में कामयाब हो जाती है ।
ऐसे ही भक्ति मार्ग में है आप किस जाति धर्म सम्प्रदाय के हो ऊंच हो नीच हो यदि आप मे भक्ति करने कराने का गुण नही सत्संग ज्ञान नही दे सकते जीवो का प्रेम सांसारिक भोगो विलासों से परमात्मा की तरफ नही मोड़ सकते तो आप कुछ नही हो भले जितनी मर्जी भीड़ गर्दी आपके पीछे लगी हो छिटक ने एक क्षण नही लगेगा ।
आपने कौनसी ड्रेस पहनी है इससे पहले इस चोले को किसने पहना था कौनसा तिलक छापा आप लगाते हो कितने बड़े आश्रम में रहते हो वहाँ के नियम कायदे मानते हो क्या बनना है इन सब बातों से जबकि सार शब्द नही साध पाते हो ।
भजन करना सबसे मुश्किल काम है दुनियां का ही नही दीन का भी अपने आप को धोखा मत दो ।
जो असल फ़क़ीर है किसी कीर्ति मान बड़ाई में नही पड़ते दुनियां से एक फासला बनाए रखते हैं । हर कही अपना शीश नही झुकाते फिरते व्यभिचार एक इष्ट धर्म को न मान कर सबको मानना हैं ।
रामजी महाराज सभ देवी देवताओं के इष्ट देव हैं तीनो देव ब्रह्मा विष्णु महेश आदि माया सभ उन से ही ताकत पाते हैं सृष्टि का कार्य भार सम्हालने के लिए शेषनाग नित प्रति युगों युगों से नाम मे ख्याल लगाए बैठे हैं ।
घर के धणी को नाराज करके कोई स्त्री सुखी कैसे रह सकती है ये तो आप भी जानते हो तो फिर सोचो कि रामजी महाराज शब्द धुंन रूप में हमारे मस्तक पर विराजमान हैं हमारी काल से माया से रक्षा कर रहे हैं हमारे रिजक रोटी के देवाल है ये तो पता ही होगा कि सांसो से सारा जहाँ है सांस नही तो संसार नही सांस के खत्म होते ही दुर्गत शुरू हो जाती है।
इस दुनियां में ही नही अगले जहां में भी फर्जी मुकद्दमे लगते हैं यहां कोई अच्छा सतगुरु का साथ हो तो वहाँ वकालत हो जाती है जमानत पर दूसरा जन्म या छुटकारा हो जाता है वकील रूपी संत नही हुए तो सडो चौरासी की जेल में देखो अपने आस पास के चौरासी के जीवों का हाल रूह कांप जाएगी ।
संतो का उपदेश अच्छे सुचे लोगो के लिए है जिनके पास वक्त है अपने लिए वो लोग सुनेंगे समझेंगे जिन्हें अपने से ज्यादा दुनियां की फिक्र है वो नही समझ पाएंगे ।