Sudhir Kumar

कह कर गये थे वो - कि ना आयेंगे अब कभी - -! लेकिन ख़याल बन के वो - आते चले गये - - -! दीवाना ज़िंदगी को - बनाते चले गये - - - - - -! उनके ख़याल आये - तो आते चले गये - - - -!

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Sudhir Kumar

[1] मुख्य द्वार के पास कभी भी कूड़ादान ना रखें इससे पड़ोसी शत्रु हो जायेंगे | [२] सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध,दही या प्याज माँगने पर ना दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है | [३] छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर ना धोएं..हाँ सुखा सकते है इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं | [४] फल खूब खाओ स्वास्थ्य के लिए अच्छे है लेकिन उसके छिलके कूडादान में ना डालें वल्कि बाहर फेंकें इससे मित्रों से लाभ होगा | [५] माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरुर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाएं अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाएं तो माँ लक्ष्मी की जल्दी कृपा होती है | [६] माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरुर ले जाएँ उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाए तो धन लाभ होगा | [७] रात्री में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें इससे क़र्ज़ से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नही आवेगी | [८] वृहस्पतिवार के दिन घर में कोई भी पीली वस्तु अवश्य खाएं हरी वस्तु ना खाएं तथा बुधवार के दिन हरी वस्तु खाएं लेकिन पीली वस्तु बिलकुल ना खाएं इससे सुख समृद्धि बड़ेगी | [९] रात्रि को झूठे बर्तन कदापि ना रखें इसे पानी से निकाल कर रख सकते है हानि से बचोगें | [१०] स्नान के बाद गीले या एक दिन पहले के प्रयोग किये गये तौलिये का प्रयोग ना करें इससे संतान हठी व परिवार से अलग होने लगती है अपनी बात मनवाने लगती है अतः रोज़ साफ़ सुथरा और सूखा तौलिया ही प्रयोग करें | [११] कभी भी यात्रा में पूरा परिवार एक साथ घर से ना निकलें आगे पीछे जाएँ इससे यश की वृद्धि होगी | ऐसे ही अनेक अपशकुन है जिनका हम ध्यान रखें तो जीवन में किसी भी समस्या का सामना नही करना पड़ेगा तथा सुख समृद्धि बड़ेगी | Kuchh vaastu tips🔴🔴🔴🔴 💥१. घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भजन अवशय लगाएं । 💥२. घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें, उसे पैर नहीं लगाएं, न ही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है। झाड़ू हमेशा छुपा कर रखें | 💥३. बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं, ऐसा करने से धन की हानी होती हैं। लक्ष्मी घर से निकल जाती है1 घर मे अशांति होती है1 💥४. घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है। 💥५. पूजा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर करनी चाहिए । पूजा का आसन जुट अथवा कुश का हो तो उत्तम होता है | 💥६. पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है | 💥७.पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें जो जितना संभव हो ईशान कोण के हिस्से में हो | 💥८. आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं। 💥९. मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में | 💥१०. घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं | 💥११. घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं और बाधा आती है | 💥१२. सप्ताह में एक बार जरुर समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोछा लगाएं | इससे नकारात्मक ऊर्जा हटती है | 💥१३. कोशिश करें की सुबह के प्रकाश की किरणें आपके पूजा घर में जरुर पहुचें सबसे पहले | 💥१४. पूजा घर में अगर कोई प्रतिष्ठित मूर्ती है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करे | "पानी पीने का सही वक़्त". (1) 3 गिलास सुबह उठने के बाद, .....अंदरूनी उर्जा को Activate करता है... (2) 1 गिलास नहाने के बाद, ......ब्लड प्रेशर का खात्मा करता है... (3) 2 गिलास खाने से 30 Minute पहले, ........हाजमे को दुरुस्त रखता है.. (4) आधा गिलास सोने से पहले, ......हार्ट अटैक से बचाता है.. यह बहुत अच्छा Msg है Please इसे सब ग्रुपस में Frwd कर दिया जाये,नहीं आ सकता दुबारा क्योंकि इस साल फरवरी में चार रविवार, चार सोमवार, चार मंगलवार, चार बुधवार, चार बृहस्पतिवार, चार शुक्रवार, चार शनिवार. यह प्रत्येक 823 साल में एक बार होता है। यह धन की पोटली कहलाता है। इसलिए कम से कम पाँच लोगों को या पाँच ग्रुप में भेजें और पैसा चार दिन में आयेगा। चाॅयनिज पर आधारित है। पढ़ने के 1 मिनट के #share करें.....sudhir Kumar Gupta

Sudhir Kumar

मासूमियत तुम्हारी कुदरत के नूर सी है। सीरत तुम्हारी गौरी उतरे फितूर सी है।तुम रूप का खजाना चढ़ते गुरूर सी है। पलकों में है हया भी तू बहके सरूर सी है। तू नाजिनीं सी कोई रूप व्यंजन में चाशनी भरपूर सी है। दिल बार बार चाहे करना जिसे दोबारा यौवन में होने वाले अल्हड़ कसूर सी है। गिले शिकवे हजार सहती तू आदत मजबूर सी है। ख्वाबों में जो बसी है मेरी चाहत जरूर सी है। पथिक पथ पर खड़ा अकेला फिर क्यूं तू हमसे यूं दूर सी है।

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